Environmental studies

  • 10 प्रति‍शत नियम संबंधित है – ऊर्जा का खाद्य के रूप में एक पोषी स्‍तर से दूसरे पोषी स्‍तर तक पहुंचने से
  • जीव से जैव मंडल तक जैविक संगठन का सही क्रम है – जनसंख्‍या –> समुदाय –> पारिस्थितिक तंत्र –> भू-दृश्‍य
  • स्‍वपोषी (स्‍वपोषज) स्‍तर पर उत्‍पादन को कहा जाता है – प्राथमिक उत्‍पादकता
  • परपोषी (विषम पोषणज) स्‍तर के उत्‍पादन के संदर्भ में आता है – द्वितीयक उत्‍पादकबता
  • एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा की मात्रा एक पोषण स्‍तर से अन्‍य स्‍तर में स्‍थानांतरण के पश्‍चात – घटती है
  • कुछ कारणोंवश यदि तितलियों की जाति (स्‍पीशीज) की संख्‍या में बड़ी गिरावट होती है तो इसके जो संभावित परिणाम हो सकते हैं, वे हैं – कुछ पौधों के परागण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण करों, मकडि़यों और पक्षियों की कुछ प्रजातियों की समष्टि में गिरावट हो सकती है।
  • पारिस्थितिकी पारस्‍परिक संबंधों का अध्‍ययन है – जीव और वातावरण के बीच
  • जीव विज्ञान की एक शाखाहै जिसमें जीव समुदायों तथा उनके वातावरण के मध्‍य पार‍स्‍परिक संबंधों का अध्‍ययन करते हैं – पारस्थितिकी
  • अर्नेस्‍ट हैकल ने पारिस्थितिकी (Ecology) शब्‍द का प्रयोग किया Oikologie के नाम से
  • ‘जीवधारियों के कार्बनिक और अकार्बनिक वातावरण और पारस्‍परिक संबंधों के अध्‍ययन को पारिस्थितिकी अथवा पारिस्थितिकी-विज्ञान’ कहते हैं, यह बताया – अर्नेस्‍ट हैकल ने
  • पारिस्थितिकी प्रकृति की संरचना एवं प्रक्रिया का अध्‍ययन है, यह बताया – यूजीन ओडम ने
  • सर्वप्रथम ‘पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) की संकल्‍पना प्रस्‍तावित की गई – वर्ष 1935 में ए.जी.टांसले द्वारा
  • प्रकृति की एक कार्यात्‍मक इकाई (Functional Unit) के रूप में जानी जाती है – पारिस्थितिकी तंत्र
  • पारिस्थितिक तंत्र के संबंध में सही कथन हैं – पारिस्थितिकी तंत्र किसी निश्चित स्‍थान-समय इकाई के समस्‍त जीवों तथा भौतिक पर्यावरण का प्रतिनिधित्‍व करता है, यह एक कार्यशील इकाई है, इसकी अपनी उत्‍पादकता होती है।
  • पारिस्थितिक तंत्र के विषय में सही नहीं है – यह एक बंद तंत्र होता है।
  • पारितंत्र (ईकोसिस्‍टम) शब्‍द का सर्वोत्‍कृष्‍ट वर्णन है – जीवों (ऑर्गनिज्‍़म्‍स) का समुदाय और साथ ही वह पर्यावरण जिसमें वे रहते हैं।
  • किसी क्षेत्र के सभी जीवधारी तथा वातावरण में उपस्थित अजैव घटक संयुक्‍त रूयप से निर्माण करते हैं – पारितंत्र (Ecosystem) का
  • कृत्रिम पारितंत्र हैं – खेत
  • कृत्रिम पारिस्थितिक तंत्र है – धान का खेत
  • घास स्‍थल, वन तथा मरूस्‍थल उदाहरण हैं – स्‍थलीय पारिस्थितिक तंत्र के
  • झील, दियां तथा समुद्र आते हैं – जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र में
  • किसी निश्चित क्षेत्र में प्राणियों की संख्‍या की सीमा, जिसे पर्यावरण समर्थन कर सकता है, कहलाती है – वहन क्षमता
  • बिना पर्यावरण की रूकावट के प्रजनन की क्षमता कहलाती है – जैविक विभव (Biotic Potential)
  • एक पद, जो केवल जीव द्वारा ग्रहण किए गए दिक्‍स्‍थान का ही नहीं, बल्कि जीवों के समुदाय में उसकी कार्यत्‍मक भूमिका का भी वर्णन करता है – पारिस्थितिक कर्मता
  • पृथ्‍वी के सर्वाधिक क्षेत्र पर फैला हुआ पारिस्थितिकी तंत्र है – सामुद्रिक
  • पृथ्‍वी पर विद्यमान जलमंडल (Hydrosphere) में समुद्री जल होता है – लगभग 97 प्रतिशत भाग
  • समुद्री जल में सर्वाधिक व्‍याप्‍त लवण है – सोडियम क्‍लोराइड
  • पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद करता है – वनारोपण, वर्षा जल प्रबंधन तथा जैवमंडल भंडार
  • वन्‍य जीव संरक्षण एवं पर्यावरण में व्‍याप्‍त प्रदूषण का निवारण मददगार है – पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में
  • भारत में पारिस्थितिक असंतुलन का एक प्रमुख कारण है – वनोन्‍मूलन
  • वह कार्य जिससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ता है – वृक्ष काटना
  • पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) में उच्‍चतम पोषण स्‍तर का स्‍थान प्राप्‍त है – सर्वाहारी (Omnivoous) को
  • पारिस्थितिकी तंत्र का एक जीवीय संघटक नहीं है – वायु
  • पारिस्थितिकी निकाय में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है – सौर ऊर्जा
  • पारितंत्र में खाद्य श्रृंखलाओं के संदर्भ में जिस प्राकर के जीव अपघटक जीव कहलाते हैं – कवक, जीवाणु
  • अपघटक वे जीव होते हैं, जो अपक्ष्‍य या सड़न की प्रक्रिया को तेज करते हैं जिससे पुन: चक्रीकरण हो सके – पोषक तत्‍वों का
  • निर्जीव कार्बनिक तत्‍वों को अकार्बनिक यौगिकों में तोड़ते हैं – अपघटक
  • सूक्ष्‍म जीवों की एक विस्‍तृत किस्‍म जैसे फफूंद, जीवाणु, गोलकृमि, प्रोटोजोआ और केंचुआ भूमिका अदा करते हैं – अपघटकों की
  • प्राथमिक उपभोक्‍ता हैं – चींटी तथा हिरण
  • किसी खाद्य श्रृंखला में मुख्‍यत: प्राथमिक उपभोक्‍ता की श्रेणी में आते हैं – शाकाहारी प्राणी
  • अपघटक (decomposer) तथा प्राथमिक उपभोक्‍ता दोनों की श्रेणी में आती हैं – चींटी
  • वे जीवधारी जो अपना भोजन प्राथमिक उत्‍पादकों (हरे पौधों) से प्राप्‍त करते हैं, कहलाते हैं – प्राथमिक उपभेक्‍ता
  • खाद्य श्रृंखला (फूड चेन) में मानव हैं – प्राथमिक तथा द्वितीयक उपभोक्‍ता
  • शाक-सब्जियों का सेवन करने पर मनुष्‍य प्राथमिक उपभोक्‍ता जबकि मांसभक्षी होने पर श्रेणी में आएगा – द्वितीयक उपभोक्‍ता की
  • समुद्री वातावरण में मुख्‍य प्राथ‍मिक उत्‍पादक होते हैं – फाईटोप्‍लैन्‍कटॉन्‍स
  • पारिस्थितिक तंत्र के जैविक घटकों में उत्‍पादक घटक हैं – हरे पौधे
  • हरे पौधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके अपना आहार स्‍वयं निर्मित करते हैं – प्रकाश संश्‍लेषण की विधि द्वारा
  • प्रथम पोषक स्‍तर के अंतर्गत आते हैं – हरित पादप
  • पौधे हरे रंग के लवक (क्‍लोरोफिल) की सहायता से करते हैं – प्रकाश संश्‍लेषण
  • जीवित घटकों में शामिल होने के कारण पारिस्थितिक तंत्र से संबंधित हैं – हरे पौधे
  • ऐसे पदार्थ जिनके ऑक्‍सीकरण के पश्‍चात जीवधायिों को ऊर्जा प्राप्‍त होती है, कहे जाते हैं –खाद्य (Food)
  • जीवों द्वारा ऊर्जा का प्रवाह होता है – एकदिशीय (Unidirectional)
  • आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं – घास, बकरी तथा मानव
  • जीवभार का पिरामिड, जिस पारिस्थितिक तंत्र में उलट जाता है, वह है – तालाब
  • पारिस्थितिकीय तंत्र के विभिन्‍न स्‍तरों के प्रति इकाई क्षेत्र में उपस्थित जीवभार के रेखाचित्रीय निरूपण को कहते हैं – जीवभार का पिरामिड
  • स्‍थलीय पारिस्थितिकीय तंत्र में जीवभार का पिरामिड होता है – सीधा (Upright)
  • पारिस्थितिकीय तंत्र में DDT का समावेश होने के बाद किस एक जीव में उसका संभवत: अधिकतम सांद्रा प्रदर्शित होगा – सांप
  • जब कुछ प्रदूषक आहार श्रृंखला के साथ सांद्रता में बढ़ते जाते हैं और ऊतकों में जमा हो जाते हैं, तो इस घटना को कहते हैं – जैविक आवर्धन (Biomagnification)
  • DDT जैसे प्रदूषक होते हैं – जैव अनिम्‍नीकरणीय (Non biodegradable)
  • पारिस्थितिकी मित्र नहीं है – यूकेलिप्‍टस
  • यूकेलिप्‍टस को उसकी अत्‍यधिक जल ग्रहण शक्ति के कारण घोषित किया गया है – पर्यावरण शत्रु
  • वृक्ष जो पर्यावरणीय संकट माना जाता है – यूकेलिप्‍टस
  • ‘लैन्टिक आवास’ का उदाहरण है – तालाब एवं दलदल
  • स्थिर जल के आवास लैन्टिक आवास के अंतर्गत आते हैं, इनके उदाहरण हैं – आर्द्रभूमि, तालाब, झील, जलाशय
  • बहते जल के आवास लोटिक (Lotic) आवास कहे जाते हैं, जैसे – नदी
  • दो भिन्‍न समुदायों के बीच का संक्रान्ति क्षेत्र कहलाता है – इकोटोन
  • सर्वाधिक स्‍थायी पारिस्थितिक तंत्र है – महासागर
  • सबसे स्‍थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं – समुद्री
  • पारिस्थितिक तंत्र में तत्‍वों के चक्रण को कहते हैं – जैव भू-रासायनिक चक्र
  • जल चक्र को ओडम (Odum) ने सम्मिलित किया है – गैसीय चक्र में
  • पारिस्थितिकी संतुलन से संबंध नहीं है – औद्योगिक प्रबंधन
  • ‘पारिस्थितिकी स्‍थायी मितव्‍ययिता है’ – यह जिस आंदोलन का नारा है – चिपको आंदोलन
  • नर्मदा नदी के ऊपर बनाई जा रही बहुउद्देशीय बांध परियोजना को रोकने के लिए चलाया गया आंदोलन है – नर्मदा बचाओ आंदोलन
  • दक्षिण भारत का पर्यावरण संरक्षण से संबंधित आंदोलन है – एपिका आंदोलन
  • ‘चिपको’ आंदोलन संबंधित है – पादप संरक्षण से
  • पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित प्रमुख कथन हैं – पारिस्थितिकी-तंत्र (Ecosystem) शब्‍द का प्रयोग सर्वप्रथम ए.जी.टांसले ने किया था, जो जीवन अपना भोजन स्‍वयं उत्‍पादित करते हैं, उन्‍हें स्‍वपोषित (Autotrops) कहते हैं।
  • पारिस्थितिकी-तंत्र (Ecosystem) शब्‍द का प्रथम प्रयोग किया गया है – ए.जी.टांसले द्वारा
  • सूक्ष्‍मजीव जो मृत पौधों, जन्‍तुओं और अन्‍य जैविका पदार्थों को सड़ा-गला कर वियोजित करते हैं, कहलाते हैं – वियोजक (Decomposers)
  • पारितंत्रों की घटती उत्‍पादकता के क्रम में जो अनुक्रम सही है – मैंग्रोव, घासस्‍थल, झील, महासागर
  • अधिक‍ विविधता वाले पारितंत्र की उत्‍पादकता भी होगी – अधिक
  • खाद्य श्रृंखला उस क्रम का निदर्शन करती है जिसमें जीवों की एक श्रृंखला एक-दूसरे के आहार द्वारा होती है – पोषित
  • पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का अंतरण क्रमबद्ध स्‍तरों की एक श्रृंखला में होता है, जिसे कहते हैं – खाद्य श्रृंखला
  • जैवमंडलीय पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह होता है – एक दिशी
  • ऊर्जा का न तो सृजन हो सकता है और न ही उसे नष्‍ट किया जा सकता है। यह एक स्‍वरूप से दूसरे स्‍वरूप में परि‍वर्तित हो सकती है – ऊष्‍मागतिकी के पहले नियम के अनुसार
  • हर पोषण स्‍तर पर उपलब्‍ध ऊर्जा की मात्रा – घटती जोती है
  • विभिन्‍न पारिस्थितिक तंत्रों में उत्‍पादकों की सकल उत्‍पादकता का ही शाका‍हारियों द्वारा स्‍वांगीकृत हो पाता है – लगभग 10 प्रतिशत भाग
  • सर्वप्रथम ‘गहन पारिस्थितिकी’ (डीप इकॉलोजी) शब्‍द का प्रयोग किया – अर्तीज नेस ने
  • पारिस्थितिकी निशे (आला) की संकल्‍पना को प्रतिपादित किया था – ग्रीनेल ने
  • पारिस्थितिकीय पदछाप के माप की इकाई है – भूमंडलीय हेक्‍टेयर
  • एक मनुष्‍य के जीवन को पूर्ण रूप से धारणीय करने के लिए आवश्‍यक न्‍यूनतम भूमि को कहते हैं – पारिस्थितिकी पदछाप
  • अविवेकशील जीवन शैली जिसमें पारिस्थितिक तंत्र के घटकों यथा-जल, ऊर्जा इत्‍यादि का आवश्‍यकता से अधिक दोहन किया जाता है, बढ़ा देती है – पदछाप के आकार को
  • ‘भारतीय वन्‍य जीव संरक्षण अधिनियम’ लागू किया गया – वर्ष 1972 में
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, पर्यावरण के संरक्षण एवं सुधार के लिए लागू किया गया – वर्ष 1986 में
  • जनजातियों एवं अन्‍य पारंपरिक वन निवासियों के (वन अधिकारों को मान्‍यता) अधिनियम लागू किया गया – दिसंबर, 2006 में
  • वन संरक्ष्‍ाण अधि‍नियम लागू किया गया – वर्ष 1980 में
  • ‘मिलेनियम इकोसिस्‍टम एसेसमेंट’ पारिस्थितिक तंत्र की सेवाओं के प्रमुखवर्गों का वर्णन करता है – व्‍यवस्‍था, समर्थन, नियंत्रण, संरक्षण और सांस्‍कृतिक
  • वह जो एक समर्थन सेवा है – पोषक चक्रण और फसल परागण
  • जैव-वानिकी (Bionomics) के संबंध में सही हैं – यह पारिस्थितिकीय का पर्याय (Synonym) है, यह प्राकृतिक तंत्रों के मूल्‍य पर बल देता है, जो मानव तंत्रों को प्रभावित करते हैं।
  • जैव-वानिकी अर्थात बायोनॉमिक्‍स शब्‍द bio तथा nomic शब्‍दों से मिलकर बना है। bio शब्‍द का तात्‍पर्य जीव या जीवन से है जबकि nomics ग्रीक शब्‍द nomos से व्‍युत्‍पन्‍न है जिसका अर्थ है, (law) नियम। बायोनॉमिक्‍स शब्‍द का शब्दिक अर्थ – जीवन के नियम
  • किसी जल निकाय में घनत्‍व प्रवणता को दर्शाती है – पिक्‍नाक्‍लाईन
  • किसी जल निकाय में लवणता प्रवणता को प्रदर्शित करती है – हैलोक्‍लाइन
  • किसी जल निकाय में गहराई के साथ तापमान परिवर्तन को दर्शाती है – थर्मोक्‍लाइन
  • पारितंत्र उत्‍पादकता के संदर्भ में समुद्री उत्‍प्रवाह (अपवेलिंग) क्षेत्र इसलिए महत्‍वपूर्णहैं, क्‍योंकि ये समुद्री उत्‍पादकता बढ़ाते हैं – पोषकों को सतह पर लाकर
  • वायु प्रवाह द्वारा समुद्र की सतह पर विद्यमान गर्म, पोषकरहित जल को सघन, ठण्‍डे तथा पोषण तत्‍वों से परिपूर्ण जल द्वारा स्‍थानांतरित कर दिया जाता है – समुद्री उत्‍प्रवाह द्वारा
  • पारिस्थितिक संवेदी क्षेत्र वे क्षेत्र हैं, जिन्‍हें घोषित किया गया है – पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत
  • पारिस्थितिक संवेदी क्षेत्रों में कृषि को छोड़कर सभी मानव क्रियाओं का निषेध नहीं है, बल्कि कुछ पर प्रतिबंध लगाया गया है और कुछ को किया गया है – विनियमित
  • घासस्‍थलोंमें वृक्ष पारिस्थितिक अनुक्रमण के अंश के रूप में जिस कारण घासों को प्रतिस्‍थापित नहीं करते हैं, वह है – जल की सीमाओं एवं आग के कारण
  • भौतिक वातावरण में किसी समुदाय का समय के साथ रूपांतरण ही कहलाता है – पारिस्थितिक अनुक्रमण
  • जैविक अनुक्रमण की प्रावस्‍थाओं का सही क्रम है – नग्‍नीकरण, प्रवास, आस्‍थापन, प्रतिक्रया, स्थिरीकरण
  • वर्ष 1916 में पौधों की विभिन्‍न प्रजातियों का अध्‍ययन किया तथा अनुक्रमण (Succession) की सर्वमान्‍य परिभाषा दी – एफ. क्लिमेंट (F. Clement) ने
  • वह प्राकृतिक विधि जिसके अंतर्गतएक ही निहित तथा निश्चित स्‍थान पर एक विशिेष समूह, दूसरे समूह द्वारा विस्‍थापित हो जाता है। – अनुक्रमण

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