Anusvara and Anunasik – Hindi grammar

अनुस्वार और अनुनासिक - हिंदी व्याकरण

अनुस्वार और अनुनासिका ( चंद्रबिंदु ) – हिंदी व्याकरण :

आज मैं जिस विषय (Anusvara and Anunasik) को ले कर आया हूँ , इसके बारे में सभी ने स्कूल में पढ़ा होगा ,लेकिन पढने के बाद भी बहुत सी बातें दिमाग से निकल जाती हैं..आज उनको ही तरोताजा करने का प्रयास कर रहा हूँ . आशा है कि आप इसे पसंद करेंगे.

हिंदी में स्वर को कई आधार पर विभाजित किया गया है .
आज हम चर्चा कर रहे हैं उच्चारण के आधार पर स्वर के भेद की. उच्चारण के आधार पर स्वर को दो भागों में विभक्त किया जाता है .

  1. अनुनासिका
  2. निरनुनासिका


निरनुनासिका स्वर :

निरनुनासिका स्वर वे हैं जिनकी ध्वनि केवल मुख से निकलती है .

अनुनासिका स्वर

अनुनासिका स्वर में ध्वनि मुख के साथ साथ नासिका द्वार से भी निकलती है .अत: अनुनासिका को प्रकट करने के लिए शिरो रेखा के ऊपर बिंदु या चन्द्र बिंदु का प्रयोग करते हैं . शब्द के ऊपर लगायी जाने वाली रेखा को शिरोरेखा कहते हैं .

बिंदु या चंद्रबिंदु को हिंदी में क्रमश: अनुस्वार और अनुनासिका कहा जाता है .



अनुस्वार और अनुनासिका में अंतर –

  1. अनुनासिका स्वर है जबकि अनुस्वार मूलत: व्यंजन |
  2. अनुनासिका ( चंद्रबिंदु ) को परिवर्तित नहीं किया जा सकता जबकि अनुस्वार को वर्ण में बदला जा सकता है |
  3. अनुनासिका का प्रयोग केवल उन शब्दों में ही किया जा सकता है जिनकी मात्राएँ शिरोरेखा से ऊपर न लगीं हों. जैसे अ , आ , उ ऊ
    उदाहरण के रूप में – हँस , चाँद , पूँछ
  4. शिरोरेखा से ऊपर लगी मात्राओं वाले शब्दों में अनुनासिका के स्थान पर अनुस्वार अर्थात बिंदु का प्रयोग ही होता है.
    जैसे – गोंद , कोंपल , जबकि अनुस्वार हर तरह की मात्राओं वाले शब्दों पर लगाया जा सकता है|


आज का मुख्य चर्चा का विषय है कि जब अनुस्वार को व्यंजन मानते हैं तो इसे वर्ण में किन नियमों के अंतर्गत परिवर्तित किया जाता है | इसके लिए सबसे पहले हमें सभी व्यंजनों को वर्गानुसार जानना होगा |

(क वर्ग ) क , ख ,ग ,घ ,ड.
(च वर्ग ) च , छ, ज ,झ , ञ
(ट वर्ग ) ट , ठ , ड ,ढ ण
(त वर्ग) त ,थ ,द , ध ,न
(प वर्ग ) प , फ ,ब , भ म
य , र .ल .व
श , ष , स ,ह

अब आप कोई भी अनुस्वार लगा शब्द देखें –
जैसे – गंगा , कंबल , झंडा , मंजूषा, धंधा

यहाँ अनुस्वार को वर्ण में बदलने का नियम है कि जिस अक्षर के ऊपर अनुस्वार लगा है उससे अगला अक्षर देखें –
जैसे – गंगा इसमें अनुस्वार से अगला अक्षर गा है | ये ग वर्ण क वर्ग में आता है इसलिए यहाँ अनुस्वार क वर्ग के पंचमाक्षर अर्थात ड़ में बदला जायेगा.. ये उदहारण हिंदी टाइपिंग में नहीं आ रहा है…दूसरा शब्द लेते हैं. जैसे कंबल – यहाँ अनुस्वार के बाद ब अक्षर है जो प वर्ग का है ..ब वर्ग का पंचमाक्षर म है इसलिए ये अनुस्वार म वर्ण में बदला जाता है |

कंबल….. कम्बल
झंडा ..—- झण्डा
मंजूषा — मञ्जूषा
धंधा — धन्धा



ध्यान देने योग्य बात –

  1. अनुस्वार के बाद यदि य , र .ल .व श ष , स ,ह वर्ण आते हैं यानि कि ये किसी वर्ग में सम्मिलित नहीं हैं तो अनुस्वार को बिंदु के रूप में ही प्रयोग किया जाता है .. तब उसे किसी वर्ण में नहीं बदला जाता…जैसे – संयम …यहाँ अनुस्वार के बाद य अक्षर है जो किसी वर्ग के अंतर्गत नहीं आता इसलिए यहाँ बिंदु ही लगेगा.
  2. जब किसी वर्ग के पंचमाक्षर एक साथ हों तो वहाँ पंचमाक्षर का ही प्रयोग किया जाता है. वहाँ अनुस्वार नहीं लगता . जैसे सम्मान , चम्मच ,उन्नति , जन्म आदि |
  3. कभी कभी जल्दबाजी में या लापरवाही के चलते हम अनुस्वार जहाँ आना चाहिए नहीं लगाते ,तब शब्द के अर्थ बदल जाते हैं – उदहारण देखिये –
    चिंता ——– चिता
    गोंद ———– गोद
    गंदा————– गदा ….आदि


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *