Hindi Varnamala – Swar and Vyanjan

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन (Swar and vyanjan) : हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन से मिलकर बनती है। हिंदी में वर्णों (स्वर और व्यंजन) की कुल संख्या 52 है, जिसमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। इन वर्णों के व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते हैं। वर्ण हिन्दी भाषा में प्रयुक्त सबसे छोटी इकाई होती है।

स्वर

स्वर किसे कहते हैं?

स्वर :- स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता से होता है।

स्वर कितने प्रकार के होते हैं?

स्वर तीन प्रकार के होते हैं – 1. हृस्व स्वर, 2. दीर्घ स्वर, 3. प्लुत स्वर
1. हृस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं।
2. दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरों से अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
3. प्लुत स्वर  – जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वरों से लगभग तीन गुना अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। जैसे – ओ३म्

स्वरों की कुल संख्या = 11 (अ, इ, उ, ऋ, आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ)

  • हृस्व स्वरों की कुल संख्या = 4 (अ, इ, उ, ऋ)
  • दीर्घ स्वरों की कुल संख्या = 7 (आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ)

मात्रा किसे कहते हैं?

मात्रा :- स्वरों के निश्चित चिन्हों को मात्रा कहते हैं।

व्यंजन

व्यंजन किसे कहते हैं?

व्यंजन :- व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है।

व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं?

व्यंजन तीन प्रकार के होते हैं –
1. स्पर्श व्यंजन (Sparsh Vyanjan),
2. अंतःस्थ व्यंजन (Antasth Vyanjan),
3. उष्म व्यंजन (Ushm Vyanjan),
4. आगत व्यंजन (Aagat Vyanjan),
5. संयुक्त व्यंजन (Sanyukt Vyanjan)

व्यंजनों की कुल संख्या = 41 

  • स्पर्श व्यंजनों की कुल संख्या = 27 (क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म तथा ड़, ढ़ (ड़, ढ़ को उच्छिप्त व्यंजन (Uchchhipt Vyanjan) और द्विगुण व्यंजन (Dwigun Vyanjan) भी कहते हैं))
  • अंतःस्थ व्यंजनों की कुल संख्या = 4 (य, र, ल, व)
  • ऊष्म व्यंजनों की कुल संख्या = 4 (श, ष, स, ह)
  • आगत व्यंजनों की कुल संख्या = 2 (ज़, फ़)
  • संयुक्त व्यंजनों की कुल संख्या = 4 (क् + ष् = क्ष, त् + र् = त्र, ज् + ञ् = ज्ञ, श् + र् = श्र)

अयोगवाह वर्ण कौन से होते हैं? 

अं, अः अयोगवाह वर्ण होते हैं (अनुस्वर – अं (ं), विसर्ग – अः (ाः ))

अनुस्वर :- स्वर के बाद बोला जाने वाला हलंत (ं) (अर्ध ध्वनि) अनुस्वार कहलाता है। जैसे – प्रपंच, कंठ, छंद आदि।
विसर्ग :- विसर्ग ( ः ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। जैसे – प्रातः, अतः, सम्भवतः आदि।

भारत सरकार द्वारा मानक हिंदी वर्णमाला

भारत सरकार के केंद्रीय हिंदी निदेशालय तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा मानक हिंदी वर्णमाला का निर्धारण इस प्रकार किया गया है –

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ,
ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण    ड़, ढ़
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
श ष स ह

क्ष त्र ज्ञ श्र संयुक्त व्यंजन हैं। ज़, फ़, ऑ आगत धवनियाँ हैं।

स्वर और उनकी मात्राएँ

स्वर 
मात्रा कोई मात्रा नहीं होती ि

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